9/25/16

Funny kahani हास्य कहानी कवि डाकू


कवि डाकू

एक कवि गरीबी से तंग आके डाकू बन गया . 
डकैती करने वो बैंक गया और जाके सबके ऊपर पिस्तौल तान दिया और बोला 


“अर्ज़ किया है …
तकदीर में जो हैं , वोही मिलेगा 
तकदीर में जो है, वोही मिलेगा 
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हैंड्स उप ! अपनी जगह से कोई नहीं हिलेगा !!”

केशियर के पास जाके कहता है - 
“अपने कुछ ख़्वाब मेरी आँखों से निकाल लो 
अपने कुछ ख़्वाब मेरी आँखों से निकाल लो 
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जो कुछ भी तुम्हारे पास है जल्दी से इस बैग में डाल दो !! 

जब वो बैंक लूट चूका था तो जाते जाते बोल के जाता है - 
“भुला दे मुझे , क्या जाता है तेरा 
भुला दे मुझे , क्या जाता है तेरा 
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मैं गोली मार दूंगा जो किसी ने पीछा किया मेरा !! “