काला बकरा और सफ़ेद बकरा
एक टीवी चैनल का रिपोर्टर किसी दूर दराज़ के गाँव गया एक न्यूज़ का फिल्म बनाने. उसने तय किया की वो एक गरीब चरवाहे की स्टोरी बनाएगा और उसका इंटरव्यू लेगा ..
गाँव में खोजा तो उसे सबने हकीरा का इंटरव्यू लेने को कहा , हकीरा का पास दो बकरे थे - एक काला और एक सफ़ेद …
रिपोर्टर - तो हकीरा जी ! आप अपने बकरे को कहा चराते है …
हकीरा - किस बकरे को ? सफ़ेद वाले को की काले वाले को ?
रिपोर्टर - ऐसा हैं ! तो सफ़ेद वाले का बताओ
हकीरा - उसे मैं पहाड़ी के उस पार चराता हूँ
रिपोर्टर - और काले वाले को ?
हकीरा - उसे भी वही चराता हूँ
रिपोर्टर - आप अपने बकरे को रात में कहा सुलाते है ?
हकीरा - किस बकरे को ? सफ़ेद वाले को की काले वाले को ?
रिपोर्टर - सफ़ेद वाले को
हकीरा - उसे मैं बाहर सुलाता हूँ
रिपोर्टर - और काले वाले को ?
हकीरा - उसे भी वही सुलाता हूँ , बाहर .
रिपोर्टर - अच्छा ! … और आप अपने बकरे को क्या खिलाते है ?
हकीरा - किस बकरे को ? सफ़ेद वाले को की काले वाले को ?
रिपोर्टर (खीजते हुए ) - सफ़ेद वाले को
हकीरा - उसे मैं चना के छिलके का चारा खिलाता हूँ
रिपोर्टर - और काले वाले को !?
हकीरा - उसे भी वही खिलाता हूँ
रिपोर्टर को बहुत गुस्सा आया - अबे साले !! जब दोनों को एक ही जगह चराते हो , एक ही जगह सुलाते हो और एक सा खिलाते हो तो ये काला सफ़ेद - काला सफ़ेद क्या लगा रखा है !???
हकीरा - जनाब ! … (गला साफ़ करते हुए ) … बात ऐसी है की सफ़ेद वाला बकरा मेरा हैं ..
रिपोर्टर - और काला वाला किसका है !?
हकीरा - वो भी मेरा ही है …
रिपोर्टर ने कुए में छलांग लगा ली ..